प्रोग्रामिंग तर्क कैसे विकसित करे | developed programming logic

अक्सर प्रोग्रामिंग की दुनिया में हर शुरुआती प्रोग्रामर को मुश्किल जाता है की प्रोग्रामिंग तर्क कैसे विकसित करे आप भी उन लोगो में से है तो हम आपको इस आर्टिकल में बताएँगे तो अंत तक बने रहियेगा । 


क्या आप एक नए डेवलपर हैं और हाल ही में प्रोग्रामिंग में कदम रखा है।जब आप देखते हैं कि प्रोग्रामिंग में तर्क प्राप्त नहीं कर रहे हैं तो आप निराश हो सकते हैं और आप यह नहीं जानते कि किसी विशेष समस्या को कैसे हल किया जाए। 
आप देखते हैं कि अन्य डेवलपर्स प्रोग्रामिंग में अपने तर्क का उपयोग करके और कोडिंग प्रश्न को बहुत जल्दी ही हल करते हैं। ऐसा भी होता है कि जब कोई व्यक्ति उसी समस्या और उसके समाधान के बारे में समझा रहा होता है तो आप सब कुछ समझ जाते हैं लेकिन जब आप अपने दम पर सवाल हल करने की कोशिश करते हैं तो आप वहीं फंस जाते हैं।
 
जी हा दोस्तों शुरुआती प्रोग्रामर में यह एक आम समस्या है और वे  प्रोग्रामिंग करना छोड़ देते हैं क्योंकि उन्हें लगता है कि मुझसे नहीं होगा । आप इस बात से इंकार नहीं कर सकते कि एक अच्छा डेवलपर बनने के लिए तर्क निर्माण करते आना चाइये इससे कोई फर्क नहीं पड़ता कि आप एक front end developer या backend developer हैं। 
या आपको किसी समस्या को हल करने या अपने कोड को सुधारना करने के लिए तर्क का उपयोग करते आना चाइये। 

प्रोग्रामिंग तर्क कैसे विकसित करे | developed programming logic

अब सवाल यह है कि प्रोग्रामिंग तर्क को बेहतर कैसे किया जाये | 

 

प्रोग्रामिंग ख़ुद से मुश्किल नहीं हैं परंतु सही मानसिकता के साथ ना की जाए तो कठोर परेशनियों से हमारी भेंट हो सकती है। 

दरसल प्रोग्रामिंग सीखना एक नई भाषा सीखने के बराबर है और  प्रोग्रामिंग करना एक वास्तविक समस्या का हल करने जैसा है।   
जिस प्रकार हम किसी भाषा में ज्ञान होने हेतु उस भाषा के व्याकरण तथा शब्दकोश को पढ़ते है ठीक उसी प्रकार हमें प्रोग्रामिंग भाषा के सिंटेक्स याने व्याकरण और शब्दकोश याने Keyword, Switch, Loop, conditions को भी पढ़ना होगा। तो मुद्दा ये बच जाता है की आप किस तरह से अपने विचारों को पेश कर पाएँ की कंप्यूटर को समझ आए की आप उससे क्या चाहते है। 

चलिए आसान शब्दो में समजते है | 

  • जिस समस्या के लिए आप प्रोग्राम लिखना चाहते है उसको ठीक से समज़हिये उसे आप ख़ुद नहीं समझ पाएँगे की समस्या क्या है तो उसका हल आपको मिलेगा ही नहीं जिसे हम प्रोग्रामिंग भाषा में Dry Run (याने लाइन दर लाइन कोड समझना ) और Debug कहते है ।
  • समस्या को समझने के बाद उसे अपने पसंद के मानव भाषा मैं लिखे। इससे यह सिद्ध होता है की आप वाक़ई समस्या को समझ पाए है। अगर आप समस्या को अपने भाषा में अनुवाद कर पाए तो आप इसे किसी अन्य भाषा में चाहे वो इंसानों की हो या कंप्यूटर की आप  अनुवाद कर पाएँगे।
  • अब उसी मानव भाषा में आप इस समस्या का हल निकाले। इसे आप अपना प्रोग्रामिंग में एल्गोरिथम मान सकते है। जब आप अपने  एल्गोरिथम से संतुष्ट हो जाए तो आगे बढ़ें। इस एल्गोरिथम को आप जितना ज्यादा लिख पाएँ उतना ही बेहतर होगा आपके लिए।
  •  तजुरबा यही कहता हैं की आप चाहे जितने अच्छे से किसी प्रोग्रामिंग भाषा को जानते हो उससे ज़्यादा फ़र्क़ नहीं पड़ेगा अगर आप मनुष्य और कम्प्यूटर के बीच में अनुवाद एक संक्षेप और सफलतापूर्वक न कर पाएँ। इसी लिए प्रोग्रामिंग कहियों को मुश्किल लगता है इसलिए  लगातार प्रैक्टिस करना और लॉजिक क्लिक करना ही प्रोग्रामिंग को आसान बनाता  है ।
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